कहां से लाऊं वो जुगनू कि जो तेरे दर पर जले तो सारा ज़माना कहे- “हां, दीवाली है”

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डीजीपी ओपी सिंह के नेतृत्व में अनूठी पहल : हरियाणा पुलिस ने बच्चों-बुजुर्गों संग बांटी खुशियां

चंडीगढ़: दिवाली पर हरियाणा पुलिस ने बच्चों-बुजुर्गों संग बांटी मुस्कान की सौगात। पुलिस ने इस बार त्योहार को लेकर लोगों की धारणा बदलने के लिए दिवाली कुछ अलग ढंग से मनाई। जहां आम लोग रोशनी, पटाखों और मिठाइयों में त्योहार मनाते हैं, वहीं हरियाणा पुलिस ने समाज के उन हिस्सों तक खुशियाँ पहुँचाने का बीड़ा उठाया जो अक्सर इस उजाले से दूर रह जाते हैं — अनाथालय, वृद्धाश्रम, झुग्गी-झोपड़ पट्टियाँ और बेघर लोग। हरियाणा पुलिस के अधिकारी इस दिवाली घरों में बैठकर उपहार नहीं ले रहे, बल्कि सड़कों, झोपड़पट्टियों और आश्रमों में जाकर उन चेहरों पर मुस्कान बाँट रहे हैं जिनके पास कोई नहीं।
नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के नेतृत्व में लीक से हटकर हुई इस अनूठी पहल के तहत राज्यभर के पुलिस अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे स्थानों का चयन किया जहाँ मदद की सबसे अधिक आवश्यकता थी। पुलिसकर्मियों ने स्वयं बच्चों और बुज़ुर्गों के साथ दीप जलाए, मिठाइयाँ बाँटीं और उन्हें त्योहार की गर्माहट का अहसास कराया। यह दिवाली न केवल रोशनी की, बल्कि मानवीय संवेदना और साझी मुस्कान की बनी।
पलवल से एक प्रेरक उदाहरण सामने आया, जहां एसपी पलवल वरुण सिंगला ने अपने परिवार सहित अनाथ बच्चों और असहाय लोगों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने बच्चों के साथ दीये जलाए, गीत गाए और उनके बीच मिठाइयाँ वितरित कीं। पुलिस की इस अनूठी पहल के साथ कदमताल करते सिंगला ने कहा  सच्ची दिवाली वही है जब हम किसी ज़रूरतमंद के जीवन में उजाला भर सकें। समाज के वंचित वर्गों के साथ खुशियाँ बाँटना ही इस पर्व का वास्तविक अर्थ है।
हरियाणा पुलिस की यह पहल उस सोच का प्रतीक है जो वर्दी को केवल अनुशासन और कानून तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उसे समाज की भावनाओं से जोड़ती है। कठिन ड्यूटी, सीमित अवकाश और निरंतर जिम्मेदारियों के बावजूद पुलिसकर्मियों ने अपने त्योहार का समय समाज के सबसे कमजोर तबके के नाम किया — यह अपने आप में एक प्रेरक संदेश है।
अनाथालयों में खिलखिलाहटें, वृद्धाश्रमों में आँसूओं के बीच मुस्कान, और झोपड़पट्टियों में दीयों की रोशनी — इस बार हरियाणा पुलिस ने यह साबित कर दिया कि जब सेवा ही धर्म बन जाए, तो हर दिन दिवाली बन जाता है।
हरियाणा पुलिस की यह मानवीय पहल समाज को यह संदेश देती है कि पुलिस सिर्फ सुरक्षा की प्रतीक नहीं, बल्कि संवेदनाओं की भी प्रहरी है। जिस रोशनी को उन्होंने दूसरों के घरों में बाँटा, वही उनके दिलों में सबसे उजली दीवाली बन गई।

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